Jane Kyon Log Mohabbat Kiya

इस ज़माने में, इस मोहब्बत ने
कितने दिल तोड़े, कितने घर फूँके
जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं
दिल के बदले दर्द-ए-दिल लिया करते हैं
जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं

तनहाई मिलती है, महफ़िल नहीं मिलती
राह-ए-मोहब्बत में कभी मंज़िल नही मिलती
दिल टूट जाता है, नाकाम होता है
उल्फ़त में लोगों का यही अंजाम होता हैं
कोई क्या जाने, क्यों ये परवाने
यूं मचलते हैं, ग़म में जलते हैं
आहें भर-भर के दीवाने जिया करते हैं
जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं

सावन में आँखों को, कितना रूलाती है
फ़ुर्क़त में जब दिल को किसी की याद आती है
ये ज़िन्दगी यूं ही बर्बाद होती है
हर वक़्त होठों पे कोई फ़रियाद होती है
ना दवाओं का नाम चलता है
ना दुआओं से काम चलता है
ज़हर ये फिर भी सभी क्यों पिया करते हैं
जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं

महबूब से हर ग़म मनसूब होता है
दिन रात उल्फ़त में तमाशा ख़ूब होता है
रातों से भी लंबे ये प्यार के क़िस्से
आशिक़ सुनाते हैं जफ़ा-ए-यार के क़िस्से
बेमुरव्वत है, बेवफ़ा है वो
उस सितमगर का, अपने दिलबर का
नाम ले लेके दुहाई दिया करते हैं
जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Pyarelal Ramprasad Sharma, Laxmikant Kudalkar
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