Shirdi Gaon Mein

शिरडी गाँव में नीम के नीचे बालक रूप में प्रगटे साईं

शिरडी गाँव में नीम के नीचे बालक रूप में प्रगटे साईं
शिरडी गाँव में नीम के नीचे बालक रूप में प्रगटे साईं
धरती मात-पिता, आकाश की गोद में इक दिन प्रगटे साईं
शिरडी गाँव में नीम के नीचे बालक रूप में प्रगटे साईं

संतो की ना कोई जाति, वर्ग ना कोई संतों का
दया, क्षमा, शांति केवल, धर्म वही है संतों का
धर्म वही है संतों का

दीन-दयालु, प्यार का सागर, बन के मसीहा प्रगटे साईं
दीन-दयालु, प्यार का सागर, बन के मसीहा प्रगटे साईं

धरती मात-पिता, आकाश की गोद में इक दिन प्रगटे साईं
शिरडी गाँव में नीम के नीचे बालक रूप में प्रगटे साईं

सबका मालिक एक जगत में, बात साईं ने ये समझाई
"श्रद्धा-सबूरी, रख ए बंदे", साथ हूँ तेरे बोले साईं
साथ हूँ तेरे बोले साईं

कल को भुला दे, आज में जी ले
कल की ना परवाह कर तू भाई
कल को भुला दे, आज में जी ले
कल की ना परवाह कर तू भाई

धरती मात-पिता, आकाश की गोद में इक दिन प्रगटे साईं
शिरडी गाँव में नीम के नीचे बालक रूप में प्रगटे साईं

(ध, नी, सा, रे, सा)
(ध, नी, सा, रे, ग, रे, सा)
(ध, नी, सा, म, ग, म, ग, म, ग)
(रे, ग, रे, ग, सा, रे, नि, स, रे-रे, सा)
(रे, ग, रे, ग, सा, रे, नि, स, रे-रे, सा)

अंतर्मन का नाद तू सुन ले, ईश में तेरा ध्यान लगा ले
साधना पथ को तू अपना ले, भक्ति की धूनी मन में रमा ले
भक्ति की धूनी मन में रमा ले

बाहर काहे खोजे रे मोहें?
मुझको तू अपने भीतर पाई
बाहर काहे खोजे रे मोहें?
मुझको तू अपने भीतर पाई

धरती मात-पिता, आकाश की गोद में इक दिन प्रगटे साईं
शिरडी गाँव में नीम के नीचे बालक रूप में प्रगटे साईं

प्रगटे साईं, प्रगटे साईं



Credits
Writer(s): Bharat Acharya, Uttam Singh
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link