Kaanton Ki Chubhan Payi

काँटों की चुभन पाई फूलों का मज़ा भी ||२||

दिल दर्द के मौसम में रोया भी हँसा भी
काँटों की चुभन पाई फूलों का मज़ा भी

आने का सबब याद, न जाने की ख़बर है ||२||
वो दिल में रहा और उसे तोड़ गया भी

दिल दर्द के मौसम में रोया भी हँसा भी
काँटों की चुभन पाई फूलों का मज़ा भी

हर एक से मंज़िल का पता पूछ रहा है ||२||
गुमराह मेरे साथ हुआ रहनुमा भी

दिल दर्द के मौसम में रोया भी हँसा भी
काँटों की चुभन पाई फूलों का मज़ा भी

'गुमनाम' कभी अपनों से जो ग़म हुए हासिल ||२||
कुछ याद रहे उनमें तो कुछ भूल गया भी

दिल दर्द के मौसम में रोया भी हँसा भी
काँटों की चुभन पाई फूलों का मज़ा भी



Credits
Writer(s): Jagjit Singh, Gumnaam Gumnaam
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