Sab Kuch Seekha Humne

सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी
सच है दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी

दुनिया ने कितना समझाया, कौन है अपना कौन पराया
फिर भी दिल की चोट छुपा कर, हमने आपका दिल बहलाया
खुद ही मर मिटने की ये ज़िद है हमारी, सच है दुनिया वालों...
दिल का चमन उजड़ते देखा, प्यार का रंग उतरते देखा
हमने हर जीने वाले को, धन दौलत पे मरते देखा
दिल पे मरने वाले मरेंगे भिखारी, सच है दुनिया वालों...

असली नकली चेहरे देखे, दिल पे सौ सौ पहरे देखे
मेरे दुखते दिल से पूछो, क्या क्या ख्वाब सुनहरे देखे
टूटा जिस तारे पे नज़र थी हमारी
सच है दुनिया वालों...



Credits
Writer(s): Jaikshan Shankar
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