Chalo Ek Baar Phir Se

चलो, इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों
चलो, इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों

ना मैं तुमसे कोई उम्मीद रखूँ दिल-नवाज़ी की
ना तुम मेरी तरफ़ देखो ग़लत-अंदाज़ नज़रों से
ना मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाए मेरी बातों में
ना ज़ाहिर हो तुम्हारी कश्मकश का राज़ नज़रों से

चलो, इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों
चलो, इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों

तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पेश-क़दमी से
मुझे भी लोग कहते हैं कि ये जल्वे पराए हैं
मेरे हमराह भी रुसवाइयाँ हैं मेरे माझी की
मेरे हमराह भी रुसवाइयाँ हैं मेरे माझी की
तुम्हारे साथ भी गुज़री हुई रातों के साए हैं

चलो, इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों
चलो, इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों

तआरुफ़ रोग हो जाए तो उसको भूलना बेहतर
तअल्लुक़ बोझ बन जाए तो उसको तोड़ना अच्छा
वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन
वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन
उसे एक ख़ूबसूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा

चलो, इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों
चलो, इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों
चलो, इक बार...



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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