Sacchi Baat

सच्ची बात कही थी मैंने
सच्ची बात कही थी मैंने
लोगों ने सूली पे चढ़ाया
मुझको ज़हर का जाम पिलाया
फिर भी उनको चैन ना आया
सच्ची बात कही थी मैंने
(सच्ची बात कही थी मैंने)

ले के जहाँ भी वक़्त गया है
ज़ुल्म मिला है, ज़ुल्म सहा है
सच का ये इनाम मिला है
सच्ची बात कही थी मैंने
(सच्ची बात कही थी मैंने)

सब से बेहतर कभी ना बनना
जग के रहबर कभी ना बनना
पीर पयम्बर कभी ना बनना
सच्ची बात कही थी मैंने
(सच्ची बात कही थी मैंने)

चुप रह कर ही वक़्त गुज़ारो
सच कहने पे जाँ मत वारो
कुछ तो सीखो मुझसे, यारों
(सच्ची बात कही थी मैंने)
(सच्ची बात कही थी मैंने)
(सच्ची बात कही थी मैंने)



Credits
Writer(s): Jagjit Singh, Rajesh Reddy
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