Tujh Ko Chaha

तुझ को चाहा है तो और ना कुछ चाहूँगा
तुझ को चाहा है तो और ना कुछ चाहूँगा
मैं कोई रुत तो नहीं हूँ के बदल जाऊँगा
तुझ को चाहा है तो और ना कुछ चाहूँगा

मैं कोई रुत तो नहीं हूँ के बदल जाऊँगा
तुझ को चाहा है तो और ना कुछ चाहूँगा

है यक़ीं जब भी, जहाँ भी ये खुलेगी आँखें
है यक़ीं जब भी, जहाँ भी ये खुलेगी आँखें
हर क़दम, हमक़दम, हमराह तुझे पाऊँगा
हर क़दम, हमक़दम, हमराह तुझे पाऊँगा

मैं कोई रुत तो नहीं हूँ के बदल जाऊँगा
तुझ को चाहा है तो और ना कुछ चाहूँगा

तेरे साए में जहाँ भर था आशना मेरा
तेरे साए में जहाँ भर था आशना मेरा
तेरे साए में जहाँ भर था आशना मेरा
बिन तेरे मैं किसी पहचान में ना आऊँगा
बिन तेरे मैं किसी पहचान में ना आऊँगा

मैं कोई रुत तो नहीं हूँ के बदल जाऊँगा
तुझ को चाहा है तो और ना कुछ चाहूँगा

आज़मा लो, हूँ निर्दोष, दिल का हीरा हूँ
आज़मा लो, हूँ निर्दोष, दिल का हीरा हूँ
मैं कोई पारा नहीं हूँ...
मैं कोई पारा नहीं हूँ कि बिख़र जाऊँगा
मैं कोई पारा नहीं हूँ कि बिख़र जाऊँगा

मैं कोई रुत तो नहीं हूँ के बदल जाऊँगा
तुझ को चाहा है तो और ना कुछ चाहूँगा

...और ना कुछ चाहूँगा
...और ना कुछ चाहूँगा



Credits
Writer(s): Ashish Mujumdar, Dr Inderjit Nirdosh
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