Seene Mein Sulagte Hain Armaan (Tarana)

सीने में सुलगते हैं अरमां
आँखों में उदासी छाई है
ये आज तेरी दुनिया से हमें
तक़दीर कहाँ ले आई है
सीने में सुलगते हैं अरमां

कुछ आँख में आँसू बाकी हैं
जो मेरे ग़म के साथी हैं – २
अब दिल हैं ना दिल के अरमां हैं – २
बस मैं हूँ मेरी तन्हाई है
सीने में सुलगते हैं अरमां

न तुझसे गिला कोई हमको
ना कोई शिकायत दुनिया से
दो चार कदम जब मन्ज़िल थी – २
क़िस्मत ने ठोकर खाई है
सीने में सुलगते हैं अरमां

कुछ ऐसी आग लगी मन में
जीने भी ना दे मरने भी ना दे ...
चुप हूँ तो कलेजा जलता है – २
बोलूँ तो तेरी रुसवाई है

सीने में सुलगते हैं अरमां



Credits
Writer(s): Anil Biswas, Prem Dhawan
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