Ye Raat

ये रात है वही, आसमां वही
इस रात की मगर वो बात ही नहीं
बैठे थे यहीं, खामोश ही सही
खामोशियों में भी आवाज़ गूँजती

जाने क्यूं ये रस्ते हुए जुदा, हाँ
बिछड़ेंगे कभी हाँ, सोचा न था
तन्हा है सफ़र, तन्हा गली
ढूंढे फिर कभी, पाई थी जो खुशी

ढूंढूँ यूँ ही खोया सा, खोया सा
ढूंढूँ लम्हें बीते जो तेरे साथ
क्यूं आँखों में है नमी
जब दिल जिन्दा नहीं
जब दिल तू नहीं

क्यूं तस्वीरों से तेरी
दिल को सुकुन मिले
अब तक सुकुन मिले, हे

जाने क्यूं ये रस्ते हुए जुदा, हाँ
बिछड़ेंगे कभी हाँ, सोचा न था



Credits
Writer(s): Gulzar, Anu Malik
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