Roya Karenge Aap Bhi (Live)

जी ये ग़ज़ल
मैं ने मेरे से बहुत दिनों में इसकी धुन बनी
मैं पेश कर रहा हूँ ये
'मोमिन ख़ाँ मोमिन' की ग़ज़ल है
जिसका मतला है

रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह
अटका कहीं जो आप का दिल भी मिरी तरह

लफ़्ज़ लफ़्ज़-ए-रोया पे ग़ोर कीजिएगा मेहरबानी

रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह
रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह
अटका कहीं जो आप का दिल भी मिरी तरह
रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह
अटका कहीं जो आप का दिल भी मिरी तरह
रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह

मर चुक कहीं कि तू ग़म-ए-हिज्राँ से छूट जाए
मर चुक कहीं
मर चुक कहीं
मर चुक कहीं कि तू ग़म-ए-हिज्राँ से छूट जाए
कहते तो हैं भले की वो लेकिन बुरी तरह
अटका कहीं जो आप का दिल भी मिरी तरह
रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह

न ताब हिज्र में है न आराम वस्ल में
न ताब हिज्र में
हिज्र में है
न ताब हिज्र में न आराम वस्ल में
कम-बख़्त दिल को चैन नहीं है किसी तरह
अटका कहीं जो आप का दिल भी मिरी तरह
रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह

न जाए वाँ बनी है न बिन जाए चैन है
न जाए वाँ बनी है न बिन जाए चैन है
न बिन जाए चैन है
न जाए वाँ बनी
बनी
न जाए वाँ बनी है न बिन जाए चैन है
क्या कीजिए हमें तो है मुश्किल सभी तरह
अटका कहीं जो आप का
अटका कहीं जो आप का दिल भी मिरी तरह
रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह

हूँ जाँ-ब-लब बुतान-ए-सितमगर के हाथ से
हूँ जाँ
हूँ जाँ-ब-लब बुतान-ए-सितमगर के हाथ से
क्या सब जहाँ में जीते हैं 'मोमिन' इसी तरह
अटका कहीं जो आप का दिल भी मिरी तरह
रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह



Credits
Writer(s): Ghulam Ali
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