Tum Jo Aaye (Reprise) [From "Once Upon a Time In Mumbaai"]

पाया, मैंने पाया तुम्हें, रब ने मिलाया तुम्हें
होंठों पे सजाया तुम्हें, नग़्मे सा गाया तुम्हें
पाया, मैंने पाया तुम्हें, सब से छुपाया तुम्हें
सपना बनाया तुम्हें, नींदों में बुलाया तुम्हें

तुम जो आए ज़िंदगी में, बात बन गई
इश्क़ मज़हब, इश्क़ मेरी ज़ात बन गई

पाया, मैंने पाया तुम्हें, रब ने मिलाया तुम्हें
होंठों पे सजाया तुम्हें, नग़्मे सा गाया तुम्हें
पाया, मैंने पाया तुम्हें, सब से छुपाया तुम्हें
सपना बनाया तुम्हें, नींदों में बुलाया तुम्हें

तुम जो आए ज़िंदगी में, बात बन गई
इश्क़ मज़हब, इश्क़ मेरी ज़ात बन गई
सपने तेरी चाहतों के...
सपने तेरी चाहतों के देखता हूँ अब कई
दिन है सोना और चाँदी रात बन गई
हो, तुम जो आए ज़िंदगी में, बात बन गई

पाया, मैंने पाया तुम्हें, रब ने मिलाया तुम्हें
होंठों पे सजाया तुम्हें, नग़्मे सा गाया तुम्हें
पाया, मैंने पाया तुम्हें, सब से छुपाया तुम्हें
सपना बनाया तुम्हें, नींदों में बुलाया तुम्हें

ऐसा मैं सौदाई हुआ
धड़कनें भी अपनी तो लगती हैं तेरी आहटें
अरे, हाँ, माँगी ना ख़ुदाई मैंने
माँगा ना ज़माना भी, माँग ली हैं तेरी चाहतें

ख़्वाहिशें मिलने की तुम से...
ख़्वाहिशें मिलने की तुम से रोज़ होती हैं नई
मेरे दिल की जीत मेरी मात बन गई
हो, तुम जो आए ज़िंदगी में, बात बन गई

तेरे बिना फीकी सी थी मेरी ज़िंदगानी ये
तेरे संग मीठी हो गई, हाँ
आता-जाता ख़ुशियों के मैं गले लग जाता हूँ
दुनिया भी लगती है नई

रौनकें हैं दिल के दर पे...
रौनकें हैं दिल के दर पे, धड़कनें हैं सुरमई
मेरी क़िस्मत भी तुम्हारे साथ बन गई
तुम जो आए ज़िंदगी में, बात बन गई

सपने तेरी चाहतों के...
सपने तेरी चाहतों के देखता हूँ अब कई
दिन है सोना और चाँदी रात बन गई
तुम जो आए ज़िंदगी में, बात बन गई

पाया, मैंने पाया तुम्हें, रब ने मिलाया तुम्हें
होंठों पे सजाया तुम्हें, नग़्मे सा गाया तुम्हें
पाया, मैंने पाया तुम्हें, सब से छुपाया तुम्हें
सपना बनाया तुम्हें, नींदों में बुलाया तुम्हें



Credits
Writer(s): Irshad Kamil
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