Na Munh Chhupa Ke Jiyo (From "Hamraaz")

न मुँह छुपा के जियो और न सर झुका के जियो
ग़मों का दौर भी आये तो मुस्कुरा के जियो
न मुँह छुपा के जियो और न सर झुका के जियो
घटा में छुपके सितारे फ़ना नहीं होते
अँधेरी रात में दिये जला के चलो
न मुँह छुपा के जियो और न सर झुका के जियो
ये ज़िंदगी किसी मंज़िल पे रुक नहीं सकती
हर इक मक़ाम पे क़दम बढ़ा के चलो
न मुँह छुपा के जियो और न सर झुका के जियो



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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