Aap Aaye To

आप आये तो ख़याल-ए-दिला-ए-नाशाद आया
कितने भूले हुये ज़ख्मों का पता याद आया
आप आये तो ख़याल-ए-दिला-ए-नाशाद आया
आप आये

आप के लब पे कभी अपना भी नाम आया था
शौख़ नज़रों से मोहब्बत का सलाम आया था
उम्र भर साथ निभाने का पयाम आया था
आप को देख के वो एहद-ए-वफ़ा याद आया
कितने भूले हुये ज़ख्मों का पता याद आया
आप आये तो ख़याल-ए-दिला-ए-नाशाद आया
आप आये

रूह में जल उठे, बुझती हुयी यादों के दिये
कैसे दीवाने थे हम, आप को पाने के लिये
यूँ तो कुछ कम नहीं जो आपने एहसान किये
पर जो मांगें से ना पाया, वो सिला याद आया
कितने भूले हुये ज़ख्मों का पता याद आया
आप आये तो ख़याल-ए-दिला-ए-नाशाद आया
आप आये

आज वो बात नहीं फिर भी कोई बात तो है
मेरे हिस्से में ये हल्की से मुलाक़ात तो है
ग़ैर का हो के भी ये हुस्न मेरे साथ तो हैं
हाय किस वक़्त मुझे कब का ग़िला याद आया
कितने भूले हुये ज़ख्मों का पता याद आया
आप आये तो ख़याल-ए-दिला-ए-नाशाद आया
आप आये



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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