Ajnabi Shehar Mein

अजनबी शहर में अजनबी रास्ते
मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे
अजनबी शहर में अजनबी रास्ते
मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे

मैं बुहत देर तक यूँ ही चलता रहा
मैं बुहत देर तक यूँ ही चलता रहा
तुम बुहत देर तक याद आते रहे

अजनबी शहर में अजनबी रास्ते
मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे

ज़हर मिलता रहा, ज़हर पीते रहे
ज़हर मिलता रहा, ज़हर पीते रहे
रोज़ मरते रहे, रोज़ जीते रहे
ज़हर मिलता रहा, ज़हर पीते रहे
रोज़ मरते रहे, रोज़ जीते रहे

ज़िंदगी भी हमें आजमाती रही
ज़िंदगी भी हमें आजमाती रही
और हम भी उसे आजमाते रहे

अजनबी शहर में अजनबी रास्ते
मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे

ज़ख्म जब भी कोई जहन-ओ-दिल पर लगा
ज़ख्म जब भी कोई जहन-ओ-दिल पर लगा
ज़िंदगी की तरफ एक दरीचा खुला
ज़ख्म जब भी कोई जहन-ओ-दिल पर लगा
ज़िंदगी की तरफ एक दरीचा खुला

हम भी गोया किसी साज़ के तार हैं
हम भी गोया किसी साज़ के तार हैं
चोट खाते रहे, गुनगुनाते रहे

अजनबी शहर में अजनबी रास्ते
मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे

सख्त हालात के तेज तूफान में
सख्त हालात के तेज तूफान में
घिर गया था हमारा जुनून-ए-वफ़ा
सख्त हालात के तेज तूफान में
घिर गया था हमारा जुनून-ए-वफ़ा

हम चराग-ए-तमन्ना जलाते रहे
हम चराग-ए-तमन्ना जलाते रहे
वो चराग-ए-तमन्ना बुझाते रहे

अजनबी शहर में अजनबी रास्ते
मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे
मैं बुहत देर तक यूँ ही चलता रहा
मैं बुहत देर तक यूँ ही चलता रहा
तुम बुहत देर तक याद आते रहे

अजनबी शहर में अजनबी रास्ते
मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे
मुस्कुराते रहे, मुस्कुराते रहे



Credits
Writer(s): Jagjit Singh Dhiman, Doctor Rahi Masoom Raza
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