Hey Govind Hey Gopal

हे गोविंद राखो शरण, अब तो जीवन हारो,
हे गोविंद हे गोपाल, हे गोविंद

नीर पीबन हेतु गयाऊ
नीर पीबन हेतु गयाऊ सिंधु के किनारे
सिंधु बीच बसत ग्रह
सिंधु बीच बसत ग्रह चरण गाही पचरे,
अब तो जीवन हारे, अब तो जीवन हारे,
हे गोविंद हे गोपाल, हे गोविंद

चार प्रहार यौढ़ भयाओ चार प्रहार यौढ़ भयाओ
लयाई गायाओ मज़धहरे
नाक कान डुबान लागे,
नाक कान डुबान लागे
कृष्णा को पुकारे
अब तो जीवन हारे, अब तो जीवन हारो.
हे गोविंद हे गोपाल, हे गोविंद

"सुर" कहे श्याअं सुनो
"सुर" कहे श्याअं सुनो शरण हैं तिहरे
अबकी बार पर करो
अबकी बार पर करो नंद के दुलारे
अब तो जीवन हारे, अब तो जीवन हारो.
हे गोविंद हे गोपाल, हे गोविंद



Credits
Writer(s): Sant Surdas, Pandit Govind Prasad Jaipurwale
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