Ranaji Main to Govind

रनाजी मे टू गोविंद के गुण गा सु
राजा रूठे नगरी राखे हरि रुठे कहा जा सु
रनाजी मे टू गोविंद के गुण गा सु
हारी मन्दिर मैं निरात करा सु
घ्हॉनगोरिया धामक आसू
रनाजी मे टू गोविंद के गुण गा सु

यी सांगसार बार का काटा
जिया संगस्त नही जा सु
मेरा काही प्रभू
गिरी धार नगरे
मेरा काही प्रभू
गिरी धार नगरे
नीत उट्ठ दारसन पा सु
रनाजी मे टू गोविंद के गुण गा सु



Credits
Writer(s): Meerabai, Pandit Ravi Shankar
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