Chand Phir Nikla

चाँद सी महबूबा हो मेरी
कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था
चाँद सी महबूबा हो मेरी
कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था

ना कस्में हैं ना रस्में हैं
ना शिक्वे हैं ना वादे हैं
ना कस्में हैं ना रस्में हैं ना शिक्वे हैं ना वादे हैं
एक सूरत भोली भाली है, दो नैना सीधे सादे हैं
दो नैना सीधे सादे हैं
ऐसा ही रूप ख़्यालो में था, ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था

मेरी खुशियाँ ही ना बांटें
मेरे ग़म भी सहना चाहे
मेरी खुशियाँ ही ना बांटें, मेरे ग़म भी सहना चाहे
देखे ना ख्वाब वह महलों के, मेरे दिल में रहना चाहे
मेरे दिल में रहना चाहे
इस दुनिया में कौन था ऐसा, जैसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था
चाँद सी महबूबा हो मेरी, कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था



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