Khushfehmiyan

बुलबुले के जैसा तैरे हवा में
सर्दियों की धूप सा मिजाज है
मौसमों का रंग भी ओढ़ ले
कल नहीं था पर आज है

नब्ज़ तेज़ इसकी चलती रहे
बेवकूफ़ियों पे भी नाज़ है
सबने जाना फिर भी ना ख़ुल सका
यार, ये वही राज है

क्यूँ इश्क़ में इश्क़ लगे आसाँ?
क्यूँ? क्या पता!
सच में हुआ है या होने लगी इश्क़ की...

ख़ुशफ़हमियाँ (इश्क़ कब किसकी सुनता है, इश्क़ की रुई ये धुनता है)
ख़ुशफ़हमियाँ (जान के फिर भी चुनता है, इश्क़ का रास्ता)
ख़ुशफ़हमियाँ (इश्क़ कब किसकी सुनता है, इश्क़ की रुई ये धुनता है)
ख़ुशफ़हमियाँ (जान के फिर भी चुनता है, इश्क़ का रास्ता)

रातों में ये लोरी भी गुगुनाए
सुबह-सुबह coffee का cup लगे
बैठूँ हाथों में जो अख़बार लेके
बासी सुर्ख़ियाँ सब लगे

क्यूँ आदतें इश्क़ की हैं नादाँ?
क्यूँ? क्या पता!
सच में हुआ है या होने लगी इश्क़ की...

ख़ुशफ़हमियाँ (इश्क़ कब किसकी सुनता है, इश्क़ की रुई ये धुनता है)
ख़ुशफ़हमियाँ (जान के फिर भी चुनता है, इश्क़ का रास्ता)
ख़ुशफ़हमियाँ (इश्क़ कब किसकी सुनता है, इश्क़ की रुई ये धुनता है)
ख़ुशफ़हमियाँ (जान के फिर भी चुनता है, इश्क़ का रास्ता)

दिल की आजकल हर दीवार पर इश्तेहार है ये
हर मुक़ाबला जीतने को उम्मीदवार है ये
आधी-आधी सी, कभी पूरी-पूरी सी तरक़ीब ये लगा के
करे ख़ुद की, माने नहीं कहना

क्यूँ इश्क़ में इश्क़ लगे आसाँ?
क्यूँ? क्या पता!
सच में हुआ है या होने लगी इश्क़ की...

(इश्क़ कब किसकी सुनता है, इश्क़ की रुई ये धुनता है)
(जान के फिर भी चुनता है, इश्क़ का रास्ता)
(इश्क़ कब किसकी सुनता है, इश्क़ की रुई ये धुनता है)
(जान के फिर भी चुनता है, इश्क़ का रास्ता) ख़ुशफ़हमियाँ

(इइश्क़ कब किसकी सुनता है, इश्क़ की रुई ये धुनता है) ख़ुशफ़हमियाँ
(जान के फिर भी चुनता है, इश्क़ का रास्ता) ख़ुशफ़हमियाँ
(इश्क़ कब किसकी सुनता है, इश्क़ की रुई ये धुनता है) ख़ुशफ़हमियाँ
(जान के फिर भी चुनता है, इश्क़ का रास्ता) ख़ुशफ़हमियाँ



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya, Shankar Mahadevan, Aloyius Peter Mendonsa, Ehsaan Noorani
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