Jai Ganpati Vandan Gananayak (Ganpati Vandana)

जय गणपति वंदन गणनायक
तेरी छवि अति सुंदर सुखदायक

तू चारभुजाधारी मस्तक सिंदूरी रूप निराला
है मूषक वाहन तेरो तू ही जग का रखवाला
तेरी सुंदर मूरत मन में तू पालक सिद्ध विनायक ||१||

मन मंदिर का अंधियारा तेरो नाम से हो उजियारा
तेरे नाम की ज्योति जले तो मन में बहती सुखधारा
तेरो सुमिरन हर पूजन में, सबसे पहेले फलदायक ||२||

तेरे नाम को जिसने ध्याया, उस पर रहती सुख छाया
मेरे रोम -रोम अंतर में एक तेरा रूप समाया
तेरी महिमा तू ही जाने, शिव पार्वती के बालक ||३||



Credits
Writer(s): Anup Jalota
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