Bharam Bhap Ke

भ्रम भाँपके, शर्म ढाँपके
कर्म नापके भागा रे
कर्म नापके

भ्रम भाँपके, शर्म ढाँपके
कर्म नापके भागा रे
कर्म नापके

जमहूरी की माला बन गई
जमहूरी की माला बन गई
जमहूरी की माला बन गई
जी जंजाल का जाला रे
भ्रम भाँपके

भ्रम भाँपके, शर्म ढाँपके
कर्म नापके भागा रे
कर्म नापके

भ्रम भाँपके, शर्म ढाँपके
कर्म नापके भागा रे
कर्म नापके

अली मौला या अली
अली मौला या अली

जंग का रंग सुनहरा समझा
जंग का रंग सुनहरा समझा

लेकिन बाद में गहरा समझा
लेकिन बाद में गहरा समझा

जंग का रंग सुनहरा समझा
जंग का रंग सुनहरा समझा
लेकिन बाद में गहरा समझा
जंग का रंग था काला रे
भ्रम भाँपके

भ्रम भाँपके, शर्म ढाँपके
कर्म नापके भागा रे
कर्म नापके

भ्रम भाँपके, शर्म ढाँपके
कर्म नापके भागा रे
कर्म नापके

अली मौला या अली
अली मौला या अली

भ्रम भाँपके, शर्म ढाँपके
कर्म नापके भागा रे
कर्म नापके

भ्रम भाँपके, शर्म ढाँपके
कर्म नापके भागा रे
कर्म नापके

भ्रम भाँपके, शर्म ढाँपके
कर्म नापके भागा रे
कर्म नापके



Credits
Writer(s): Piyush Mishra, Indian Ocean
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