Kabhie Kisi Ko Muqammal Jahan (From "Ahista Ahista")

कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता
कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीं तो कहीं आसमाँ नहीं मिलता
कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता

जिसे भी देखिए वो अपने आप में गुम हैं
जिसे भी देखिए वो अपने आप में गुम हैं
ज़ुबाँ मिली है, मगर हम-ज़ुबाँ नहीं मिलता
ज़ुबाँ मिली है, मगर हम-ज़ुबाँ नहीं मिलता
कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता

बुझा सका है भला कौन वक़्त के शोले?
बुझा सका है भला कौन वक़्त के शोले?
ये ऐसी आग है जिसमें धुआँ नहीं मिलता
ये ऐसी आग है जिसमें धुआँ नहीं मिलता
कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता

तेरे जहान में ऐसा नहीं कि प्यार ना हो
तेरे जहान में ऐसा नहीं कि प्यार ना हो
जहाँ उम्मीद हो इसकी, वहाँ नहीं मिलता
जहाँ उम्मीद हो इसकी, वहाँ नहीं मिलता

कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीं तो कहीं आसमाँ नहीं मिलता
कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता



Credits
Writer(s): Nida Fazli, Khayyam
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