Ek Tera Saath Hai

तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है
अंधेरों से भी मिल रही रोशनी है
तेरा साथ है तो
कुछ भी नहीं है तो कोई ग़म नहीं है
हर एक बेबसी बन गयी चांदनी है
तेरा साथ है तो

टूटी है कश्ती, तेज है धारा
कभी ना कभी तो मिलेगा किनारा
बही जा रही ये समय की नदी है
इसे पार करने की आशा जगी है
तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है
अंधेरों से भी मिल रही रोशनी है
तेरा साथ है तो

हर इक मुश्किल सरल लग रही है
मुझे झोपड़ी भी महल लग रही है
इन आँखों में माना नमी ही नमी है
मगर इस नमी पर ही दुनिया थमी है
तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है
अंधेरों से भी मिल रही रोशनी है
तेरा साथ है तो

मेरे साथ तुम मुस्कुरा के तो देखो
उदासी का बादल हटा के तो देखो
कभी है ये आँसू, कभी ये हँसी है
मेरे हमसफ़र बस यही ज़िन्दगी है
तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है
अंधेरों से भी मिल रही रोशनी है
तेरा साथ है तो



Credits
Writer(s): Asir Barahanpuri, Deepakkumar Shambhulal Pandit
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