Na Kajre Ki Dhar

ना कजरे की धार
ना मोतियों के हार
ना कोई किया सिंगार
फिर भी कितनी सुंदर हो
तुम कितनी सुन्दर हो
ना कजरे की धार
ना मोतियों के हार
ना कोई किया सिंगार
फिर भी कितनी सुंदर हो
तुम कितनी सुन्दर हो

मन में प्यार भरा
और तन में प्यार भरा
जीवन में प्यार भरा
तुम तो मेरे प्रियवर हो
तुम्हीं तो मेरे प्रियवर हो

सिंगार तेरा यौवन
यौवन ही तेरा गहना
सिंगार तेरा यौवन
यौवन ही तेरा गहना
तू ताज़गी फूलों की
क्या सादगी का कहना
उड़े खुशबू जब चले तू
उड़े खुशबू जब चले तू
बोले तो बजे सितार
ना कजरे की धार
ना मोतियों के हार
ना कोई किया सिंगार
फिर भी कितनी सुंदर हो
तुम कितनी सुन्दर हो

सारी दुनियाँ हरजाई
तेरे प्यार में हैं सच्चाई
सारी दुनियाँ हरजाई
तेरे प्यार में हैं सच्चाई
इसलिए छोड़ के दुनिया
तेरी ओर खींची चली आई
थी पत्थर, तूने छूकर
थी पत्थर, तूने छूकर
सोना कर दिया खरा
मन में प्यार भरा
और तन में प्यार भरा
जीवन में प्यार भरा
तुम तो मेरे प्रियवर हो
तुम्हीं तो मेरे प्रियवर हो

तेरा अंग सच्चा सोना
मुस्कान सच्चे मोती
तेरा अंग सच्चा सोना
मुस्कान सच्चे मोती
तेरे होंठ हैं मधुशाला
तू रूप की है ज्योति
तेरी सूरत, जैसे मूरत
तेरी सूरत, जैसे मूरत
मैं देखू बार-बार
ना कजरे की धार
ना मोतियों के हार
ना कोई किया सिंगार
फिर भी कितनी सुंदर हो
तुम कितनी सुन्दर हो
मन में प्यार भरा
और तन में प्यार भरा
जीवन में प्यार भरा
तुम तो मेरे प्रियवर हो
तुम्हीं तो मेरे प्रियवर हो



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