Khud Ko Tere (From "1920 - Evil Returns")

तुम भी तन्हा थे
हम भी तन्हा थे
मिलके रोने लगे

ओ... तुम भी तन्हा थे
हम भी तन्हा थे
मिलके रोने लगे
एक जैसे थे दोनों के ग़म
दवा होने लगे

तुझमें मुस्कुराते हैं
तुझमें गुनगुनाते हैं
ख़ुद को तेरे पास ही
छोड़ आते हैं
तेरे ही ख़्यालों में
डूबे-डूबे जाते हैं
ख़ुद को तेरे पास ही
छोड़ आते हैं

थोड़े भरे हैं हम
थोड़े से ख़ाली हैं
तुम भी हो उलझे से
हम भी सवाली हैं

कुछ तुम भी कोरे हो
कुछ हम भी सारे हैं
इक आस्माँ पर हम
दो चाँद आधे हैं
कम है ज़मीन भी थोड़ी
कम आस्माँ है
लगता अधूरा
तुम बिन हर जहाँ है

अपनी हर कमी में हम
अब तुझे ही पाते हैं
ख़ुद को तेरे पास ही
छोड़ आते हैं
जितनी भी वीरानी है
तुझसे ही सजाते हैं
ख़ुद को तेरे पास ही
छोड़ आते हैं

दो राज़ मिलते हैं
हमराज़ बनते हैं
सन्नाटे ऐसे ही
आवाज़ बनते हैं

ख़ामोशी में तेरी
मेरी सदाएँ हैं
मेरी हथेली में
तेरी दुआएँ हैं
इक साथ तेरा हो तो
१०० मंज़िलें हों
तन्हाई तेरी
मेरी महफ़िलें हों

हम तेरी निगाहों से
ख़ुद में झिलमिलाते हैं
ख़ुद को तेरे पास ही
छोड़ आते हैं
तुझसे अपनी रातों को
सुब्ह हम बनाते हैं
ख़ुद को तेरे पास ही
छोड़ आते हैं



Credits
Writer(s): Shakeel Azmi, Chirantan Bhatt
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