Woh Aye Hain

वो आए हैं, ये ख़्वाब है, मालूम नहीं क्यूँ
रंगीं शब-ए-माहताब है, मालूम नहीं क्यूँ

दिल ख़ुश भी है, बेताब है, मालूम नहीं क्यूँ
दिल ख़ुश भी है, बेताब है, मालूम नहीं क्यूँ
हर आरज़ू एक ख़्वाब है, मालूम नहीं क्यूँ
हर आरज़ू एक ख़्वाब है, मालूम नहीं क्यूँ
वो आए हैं

जिस आँख में खिलती थी कभी ख़्वाब की कलियाँ
जिस आँख में खिलती थी कभी ख़्वाब की कलियाँ
तब से यूँ ही बे-ख़्वाब है, मालूम नहीं क्यूँ
तब से यूँ ही बे-ख़्वाब है, मालूम नहीं क्यूँ
वो आए हैं

वो देख रहे हैं मुझे चाहत की नज़र से
वो देख रहे हैं मुझे चाहत की नज़र से
दिल और भी बेताब है, मालूम नहीं क्यूँ
दिल और भी बेताब है, मालूम नहीं क्यूँ
वो आए हैं

अंजुम वो नज़र आते हैं शरमाए हुए से
अंजुम वो नज़र आते हैं शरमाए हुए से
हर वक़्त यही ख़्वाब है, मालूम नहीं क्यूँ
हर वक़्त यही ख़्वाब है, मालूम नहीं क्यूँ

वो आए हैं, ये ख़्वाब है, मालूम नहीं क्यूँ
रंगीं शब-ए-माहताब है, मालूम नहीं क्यूँ
वो आए हैं



Credits
Writer(s): Shamshad Begum
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