Jeevan Ke Malik

बता तो सही राम, कैसे चलेगा। - 2
जीवन के मालिक...

रुकना है मुश्किल, बहा जा रहा हूँ।
मैं टकरा रहा हूँ, मगर गा रहा हूँ।
जो तेरी कृपा का न सागर मिलेगा।।
जीवन के मालिक...

तू बैठा है अपने गुणों को छुपाये।
न तुझको अभी भी, ये चिंता सताए।
मेरे अवगुणों का खजाना खुलेगा।।
बता तो सही राम, कैसे चलेगा।
जीवन के मालिक...



Credits
Writer(s): Raghav Kaushal, Sharma Ramanand
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