Ek Raasta Hai Zindagi

इक रास्ता है ज़िन्दगी जो थम गए तो कुछ नहीं
ये क़दम किसी मुक़ाम पे जो जम गए तो कुछ नहीं
इक रास्ता है ज़िन्दगी जो थम गए तो कुछ नहीं

ओ जाते राही, ओ बाँके राही
मेरी बाँहों को, इन राहों को
तू छोड़ के ना जा, तू वापस आ जा

वो हुस्न के जलवे हों या इश्क़ की आवाज़ें
आज़ाद परिन्दों की रुकती नहीं परवाज़ें
जाते हुए क़दमों से, आते हुए क़दमों से

भरी रहेगी राहगुज़र जो हम गए तो कुछ नहीं
इक रास्ता है ज़िन्दगी जो थम गए तो कुछ नहीं
ये क़दम किसी मुक़ाम पे जो जम गए तो कुछ नहीं

ऐसा गज़ब नहीं ढाना पिया मत जाना बिदेसवा रे
ओ हमका भी संग लिए जाना पिया जब जाना बिदेसवा रे

हो जाते हुए राही के साये में सिमटना क्या
इक पल के मुसाफ़िर के दामन से लिपटना क्या
जाते हुए क़दमों से, आते हुए क़दमों से

भरी रहेगी राहगुज़र जो हम गए तो कुछ नहीं
इक रास्ता है ज़िन्दगी जो थम गए तो कुछ नहीं
ये क़दम किसी मुक़ाम पे जो जम गए तो कुछ नहीं
इक रास्ता है ज़िन्दगी जो थम गए तो कुछ नहीं



Credits
Writer(s): Nagrath Rajesh Roshan, Ludiavani Sahir
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