Mil Jayen Dar E Kaba

मिल जाएँ डर-ए-काबा, सजदे में जबी है
मिल जाएँ डर-ए-काबा, सजदे में जबी है
इक तेरा भरोसा है, इक तेरा यकीं है
मिल जाएँ डर-ए-काबा, सजदे में जबी है
मिल जाएँ डर-ए-काबा, सजदे में जबी है

सब पर करम है तेरा, सब पर तेरी नज़र
सब पर करम है तेरा, सब पर तेरी नज़र
तू सबका मुहाफ़िज़ है, तू सबका मुकद्दर

जिसने जहाँ पुकारा
मौजूद तू वहीँ है
मौजूद तू वहीँ है

मिल जाएँ डर-ए-काबा, सजदे में जबी है
मिल जाएँ डर-ए-काबा, सजदे में जबी है

इस्लाम में है फर्ज़ ये, हज रोज़ा और नमाज़
इस्लाम में है फर्ज़ येहज रोज़ा और नमाज़
बरकत है घर में इस से, रहती है शान-ओ-नाज़

जो कुछ है तू ही तू है
बढ़कर कोई नहीं है
बढ़कर कोई नहीं है

मिल जाएँ डर-ए-काबा, सजदे में जबी है
मिल जाएँ डर-ए-काबा, सजदे में जबी है

ईमान का चिराग, बुझाने लगी थी खाक
ईमान का चिराग, बुझाने लगी थी खाक
तब नूर बन के उतरा, तेरा कुरान-ए-पाक

तू ही फलक है मेरा
तू ही मेरी ज़मी है
तू ही मेरी ज़मी है

मिल जाएँ डर-ए-काबा, सजदे में जबी है
इक तेरा भरोसा है, इक तेरा यकीं है
मिल जाएँ डर-ए-काबा, सजदे में जबी है

सजदे में जबी है
सजदे में जबी है
सजदे में जबी है
सजदे में जबी है



Credits
Writer(s): Ghulam Ali, Suroor Lucknowi
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