Woh Ishq Jo (Original)

वो इश्क़ जो हम से रूठ गया
अब उस का हाल बताएँ क्या
वो इश्क़ जो हम से रूठ गया
अब उस का हाल बताएँ क्या

कोई मेहर नहीं कोई क़हर नहीं
फिर सच्चा शेर सुनाएँ क्या
वो इश्क़ जो हम से रूठ गया

इक हिज्र जो हम को लाहक़ है
ता-देर उसे दोहराएँ क्या
इक हिज्र जो हम को लाहक़ है
ता-देर उसे दोहराएँ क्या
वो ज़हर जो दिल में उतार लिया
फिर उस के नाज़ उठाएँ क्या
वो ज़हर जो दिल में उतार लिया
फिर उस के नाज़ उठाएँ क्या
कोई मेहर नहीं कोई क़हर नहीं
फिर सच्चा शेर सुनाएँ क्या
वो इश्क़ जो हम से रूठ गया

इक आग ग़म-ए-तन्हाई की
जो सारे बदन में फैल गई
इक आग ग़म-ए-तन्हाई की
जो सारे बदन में फैल गई
जब जिस्म ही सारा जलता हो
फिर दामन-ए-दिल को बचाएँ क्या
जब जिस्म ही सारा जलता हो
फिर दामन-ए-दिल को बचाएँ क्या
कोई मेहर नहीं कोई क़हर नहीं
फिर सच्चा शेर सुनाएँ क्या
वो इश्क़ जो हम से रूठ गया

हम नग़्मा-सरा कुछ ग़ज़लों के
हम सूरत-गर कुछ ख़्वाबों के
हम नग़्मा-सरा कुछ ग़ज़लों के
हम सूरत-गर कुछ ख़्वाबों के
बे-जज़्बा-ए-शौक़ सुनाएँ क्या
कोई ख़्वाब न हो तो बताएँ क्या
बे-जज़्बा-ए-शौक़ सुनाएँ क्या
कोई ख़्वाब न हो तो बताएँ क्या

कोई मेहर नहीं कोई क़हर नहीं
फिर सच्चा शेर सुनाएँ क्या
वो इश्क़ जो हम से रूठ गया
अब उस का हाल बताएँ क्या
वो इश्क़ जो हम से रूठ गया
अब उस का हाल बताएँ क्या
वो इश्क़ जो हम से रूठ गया
अब उस का हाल बताएँ क्या



Credits
Writer(s): Khalil Ahmed/hasan Latif, Athar Nafis
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