Kaafi Nahi Chaand

काफ़ी नहीं है चाँद हमारे लिए अभी
आँखें तरह रहे हैं तुम्हारे लिए अभी
हम तन्हा बेक़रार नहीं इंतज़ार में
हम तन्हा बेक़रार नहीं इंतज़ार में, इंतज़ार में

ये रात भी रुकी है तुम्हारे लिए अभी
काफ़ी नहीं है चाँद हमारे लिए अभी

जग के सोए, सोए जागे
मंज़र हैं सब ये ख़ाब के
हो, पूछो आके, मुस्कुराके
दिल में हो क्या-क्या दाब के?

बदमाशियाँ बे-हिसाब, अँगड़ाइयाँ बे-हिजाब
बेबाक जज़्बात हैं सारे, आ-हा-हा, आ-हा

हम तन्हा बेक़रार नहीं इंतज़ार में
हम तन्हा बेक़रार नहीं इंतज़ार में, इंतज़ार में
बेचैन हर कोई है तुम्हारे लिए अभी
काफ़ी नहीं है चाँद हमारे लिए अभी

साँसें मेरे अब हैं तेरी मदहोशियों की क़ैद में
हाँ, है जो तारी बैक़रारी, जाने कहाँ जाके थमी

शोलों पे करके सफ़र, ख़ुशबू से हो तर-ब-तर
फूलों में लिपटे हैं शरारे, आ-हा, ओ-हो

हम तन्हा बेक़रार नहीं इंतज़ार में
हम तन्हा बेक़रार नहीं इंतज़ार में, इंतज़ार में
बदमस्त वक़्त भी है तुम्हारे लिए अभी
हाँ, हाँ, हाँ, काफ़ी नहीं है चाँद हमारे लिए अभी



Credits
Writer(s): Sanjeev Srivastava, Shaheen Iqbal
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