Sab Bhulake

सब भुला के भी ग़म ये सह भी जाते
दिल जला के आँसू छुपाते
सब भुला के भी ग़म ये सह भी जाते
दिल जला के आँसू छुपाते

काली सियाह रातें उस पे तेरी यादें
यादों से जाती नहीं हैं
तुझ को भुला के भी खुद को मिटा के भी
मुझ को सुकूँ क्यूँ नहीं है
सब भुला के भी ग़म ये सह भी जाते
सह जाते हे

चल दिए इसलिए ज़िन्दगी छोड़ के
करते क्या तेरे बिन ये जहाँ मोड़ के?
जाने क्यूँ तुम गए रास्ता मोड़ के?

काली सियाह रातें उस पे तेरी यादें
यादों से जाती नहीं हैं
तुझ को भुला के भी खुद को मिटा के भी
मुझ को सुकूँ क्यों नहीं है

इन्तेहा है यही इक मुक़म्मल प्यार की
आखिरी साँस हो जुस्तजू में यार की

काली सियाह रातें उस पे तेरी यादें
यादों से जाती नहीं हैं
तुझ को भुला के भी खुद को मिटा के भी
मुझ को सुकूँ क्यों नहीं है
सब भुला के भी ग़म ये सह भी जाते
दिल जला के आँसू छुपाते
सब भुला के भी ग़म ये सह भी जाते
दिल जला के आँसू छुपाते
हो, आँसू...



Credits
Writer(s): Turaz Turaz, Pranay Rijia
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