Zihal - E - Miskin

ز حال مسکین مکن تغافل
ز حال مسکین مکن تغافل
दो राहें, नैना बनाए बत्तियाँ

کتاب هجران ندارم ای جان
کتاب هجران ندارم ای جان
ना लेहू, काहे लगाए छत्तियाँ

ز حال مسکین مکن تغافل
ز حال مسکین مکن تغافل
दो राहें, नैना बनाए बत्तियाँ

چو شمع سوزان، چو زر حیران
हमेशा अकेलियाँ, मिश्क़ आमाँ

چو شمع سوزان، چو زر حیران
हमेशा अकेलियाँ, मिश्क़ आमाँ

ना नींद नैना, ना अंग चैना
ना आप आए, ना भेजे पत्तियाँ
ना आप आए, ना भेजे पत्तियाँ

ز حال مسکین مکن تغافل
ز حال مسکین مکن تغافل
दो राहें, नैना बनाए बत्तियाँ

کتاب هجران ندارم ای جان
کتاب هجران ندارم ای جان
ना लेहू, काहे लगाए छत्तियाँ



Credits
Writer(s): Kanishk Seth, Hazrat Amir Khusrau, Kavita Seth
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