Saqi Tere Maikhane Mein

साकी दर-ए- मैखाना जरा खोल के रखना
शायद मुझे जन्नत की हवा रास ना आए
ना हरम में ना ना हरम में ना खलीशा मे ना बुतखाना में

चैन मिलता है तू चैन मिलता है तू तो साकी तेरे मैखाने में
चैन मिलता है तू तो साकी तेरे मैखाने में

मैं कोई रिंद नहीं इसलिए पीता हूं शराब
मैं कोई रिंद नहीं बस इसलिए पीता हूं शराब
तेरी तस्वीर नजर तेरी तस्वीर नजर आती है पैमाने में
तेरी तस्वीर नजरआती है पैमाने में

दफन करना मेरी मैय्यत को भी मयखाने में
दफन करना मेरी मैय्यत को भी मयखाने में
ताकि मैखाने की ताकि मैखाने की मट्टी रहे मैखाने में
ताकि मैखाने की मट्टी रहे मैखाने में

अब तो इतनी भी मझसर नहीं मैखाने में
अब तो इतनी भी मझसर नहीं मैखाने में
जितनी हम छोड़ दिया जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में
जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में

जाम थर्राने लगे उड़ गई बोतल से शराब
जाम थर्राने लगे उड़ गई बोतल से शराब
बेवज़ू आ गया बेवजू आ गया शायद कोई मैखाने में
बेवज़ू आ गया शायद कोई मैखाने में

चैन मिलता है तू चैन मिलता है तू तो साकी तेरे मैखाने में
ना हरम में ना खलीशा मे ना बुतखाना में



Credits
Writer(s): Jigar Muradabadi, Wazir Afzal, Abdul Adam
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