Woh Kehte Hain Ham Se

वो कहते हैं हम से...
वो कहते हैं हम से, "अभी उमर नहीं है प्यार की"
नादाँ हैं, वो क्या जानें कब कली खिली बहार की

वो कहते हैं हम से, "अभी उमर नहीं है प्यार की"
नादाँ हैं, वो क्या जानें कब कली खिली बहार की
वो कहते हैं हम से...

कमसिन हो या जवाँ हो, जब प्यार जागता है
कमसिन हो या जवाँ हो, जब प्यार जागता है
कब उम्र देखता है?

दिल का आ जाना...
दिल का आ जाना, ये बात नहीं इख़्तियार की
नादान हैं, वो क्या जानें कब कली खिली बहार की
वो कहते हैं हम से...

धरती के साथ अंबर, चंदा के साथ तारे
धरती के साथ अंबर, चंदा के साथ तारे
नदिया के संग किनारे

कोई नहीं तनहा...
कोई नहीं तनहा, है रीत यही संसार की
नादाँ हैं, वो क्या जानें कब कली खिली बहार की

वो कहते हैं हम से, "अभी उमर नहीं है प्यार की"
नादान हैं, वो क्या जानें कब कली खिली बहार की
वो कहते हैं हम से...



Credits
Writer(s): Vitthalbhai Patel, Nagrath Rajesh Roshan
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