Ab Kahan Aaram Tum Bin

अब कहाँ आराम तुझ बिन
अब कहाँ आराम तुझ बिन
अब कहाँ आराम तुझ बिन

अब दिल को, सुकूं मिलता ही नहीं है
दिल को सुकूं
दिल को सुकूं, मिलता ही नहीं है
दिल का कमल, खिलता ही नहीं है

रोने से है काम तुझ बिन
अब कहाँ राम तुझ बिन
अब कहाँ राम तुझ बिन
अब कहाँ राम तुझ बिन

मिट गयी आश
आँख दिल की जवानी
मिट गयी आँख दिल की जवानी
रह गयी कहने को ही कहानी

लुट गए हम, हर गाँव तुझ बिन
अब कहाँ राम तुझ बिन
अब कहाँ

जिनको रोना...
जिनको रोना, रात को रोना
तुझ बिन अपना, जीवन खोना
हमको है इतना काम तुझ बिन

अब कहाँ राम तुझ बिन
अब कहाँ राम तुझ बिन
अब

हाथ बना बेहजादे मुज्दल
खंज उठाए उसने दिल पर
ये हुआ अंजाम तुझ बिन
अब कहाँ राम



Credits
Writer(s): Begum Akhtar
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