Shiva Adi Madha Anta - Bhairav

शिव आदि, मद, अंत
शिव आदि, मद, अंत

जो बाजे, जोगी
शिव कनक विष आमी
आदि विषय भोगी
शिव आदि, मद, अंत

शिव नाभि के कमल ते
नाभि के कमल ते
तीन मूरत भई भिन्न जाने
सोही नरक भोगी

शिव आदि, मद, अंत
शिव आदि

जाग-जाग, जगा-जगा
जाग-जाग, जगा-जगा
मैं क लंगड़ तुनकवा सोने ना देत
घड़ी पल छिन म
जाग-जाग, जगा-जगा

नींद की माती अँखियाँ मोरी
नींद की माती अँखियाँ मोरी
कछु ना सुहावे नैन को अब
राखूँ गले लगा
जाग, जाग, जगा, जगा

मैं क जाग-जाग, जगा-जगा
जगा-जगा, जगा-जगा



Credits
Writer(s): Traditional
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