Koi Bhi Na Jaane (From "Kismat")
कोई भी ना जाने के मैं कौन हूँ
कोई ना पहचाने के मैं कौन हूँ
कोई भी ना जाने के मैं कौन हूँ (कौन हो?)
कोई ना पहचाने के मैं कौन हूँ (कौन हो?)
कोई ना पहचाने के मैं कौन हूँ
कोई भी ना जाने के मैं कौन हूँ
आशिक़ लगता हूँ, हूँ नहीं
छलिया लगता हूँ, हूँ नहीं
भोला लगता हूँ, हूँ नहीं
चालू लगता हूँ, हूँ नहीं
Joker लगता हूँ, हूँ नहीं
लोफ़र लगता हूँ, हूँ नहीं
बुद्धू लगता हूँ, हूँ नहीं
छैला लगता हूँ, हूँ नहीं
परदे पे पर्दा हैं, चेहरे पे चेहरा हैं
क्या है दीवानों, कोई समझ ना पाएगा
आँखों में पानी है, होंठों पे शोला है
क्या दिल के अंदर हैं कोई नहीं बतलाएगा
(धोखा जो खा गया) ये तो इसकी भूल है
(जो ढूँढा, पा गया) काँटों में भी फूल है
कोई ना पहचाने के मैं कौन हूँ
कोई भी ना जाने के मैं कौन हूँ
काँटा लगता हूँ, हूँ नहीं
नादाँ लगता हूँ, हूँ नहीं
पागल लगता हूँ, हूँ नहीं
मजनू लगता हूँ, हूँ नहीं
Joker लगता हूँ, हूँ नहीं
लोफ़र लगता हूँ, हूँ नहीं
बुद्धू लगता हूँ, हूँ नहीं
छैला लगता हूँ, हूँ नहीं
कैसी दिलेरी है? क्या हेरा-फेरी है?
अँधेर कैसा है? अजब तमाशा है सारा
कैसा शिकारी है, कितना अनाड़ी है
अपने ही फ़ँदे में फँसा है देखो बेचारा
(अनहोनी हो गई) सब किस्मत की बात है
(कैसा ग़म, क्या खुशी) सब क़ुदरत के हाथ है
कोई ना पहचाने के मैं कौन हूँ
कोई भी ना जाने के मैं कौन हूँ
दुश्मन लगता हूँ, हूँ नहीं
साथी लगता हूँ, हूँ नहीं
सीधा लगता हूँ, हूँ नहीं
टेड़ा लगता हूँ, हूँ नहीं
Joker लगता हूँ, हूँ नहीं
लोफ़र लगता हूँ, हूँ नहीं
Zero लगता हूँ हूँ नहीं
Hero लगता हूँ, hero लगता हूँ, हूँ
कोई ना पहचाने के मैं कौन हूँ
कोई भी ना जाने के मैं कौन हूँ (कौन हो?)
कोई ना पहचाने के मैं कौन हूँ (कौन हो?)
कोई ना पहचाने के मैं कौन हूँ
कोई भी ना जाने के मैं कौन हूँ
आशिक़ लगता हूँ, हूँ नहीं
छलिया लगता हूँ, हूँ नहीं
भोला लगता हूँ, हूँ नहीं
चालू लगता हूँ, हूँ नहीं
Joker लगता हूँ, हूँ नहीं
लोफ़र लगता हूँ, हूँ नहीं
बुद्धू लगता हूँ, हूँ नहीं
छैला लगता हूँ, हूँ नहीं
परदे पे पर्दा हैं, चेहरे पे चेहरा हैं
क्या है दीवानों, कोई समझ ना पाएगा
आँखों में पानी है, होंठों पे शोला है
क्या दिल के अंदर हैं कोई नहीं बतलाएगा
(धोखा जो खा गया) ये तो इसकी भूल है
(जो ढूँढा, पा गया) काँटों में भी फूल है
कोई ना पहचाने के मैं कौन हूँ
कोई भी ना जाने के मैं कौन हूँ
काँटा लगता हूँ, हूँ नहीं
नादाँ लगता हूँ, हूँ नहीं
पागल लगता हूँ, हूँ नहीं
मजनू लगता हूँ, हूँ नहीं
Joker लगता हूँ, हूँ नहीं
लोफ़र लगता हूँ, हूँ नहीं
बुद्धू लगता हूँ, हूँ नहीं
छैला लगता हूँ, हूँ नहीं
कैसी दिलेरी है? क्या हेरा-फेरी है?
अँधेर कैसा है? अजब तमाशा है सारा
कैसा शिकारी है, कितना अनाड़ी है
अपने ही फ़ँदे में फँसा है देखो बेचारा
(अनहोनी हो गई) सब किस्मत की बात है
(कैसा ग़म, क्या खुशी) सब क़ुदरत के हाथ है
कोई ना पहचाने के मैं कौन हूँ
कोई भी ना जाने के मैं कौन हूँ
दुश्मन लगता हूँ, हूँ नहीं
साथी लगता हूँ, हूँ नहीं
सीधा लगता हूँ, हूँ नहीं
टेड़ा लगता हूँ, हूँ नहीं
Joker लगता हूँ, हूँ नहीं
लोफ़र लगता हूँ, हूँ नहीं
Zero लगता हूँ हूँ नहीं
Hero लगता हूँ, hero लगता हूँ, हूँ
Credits
Writer(s): Pandit Lalitraj Pratapnarayan, Sameer Lalji Anjaan, Nagrath Rajesh Roshan
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