Intezaare Sabba (From "Kabhi Aansoo Kabhi Khushboo Kabhi Naghma - Vol.1")

इंतेज़ार-ए-सबा रहा बरसों
इंतेज़ार-ए-सबा रहा बरसों
एक दरीचा खुला रहा बरसों
इंतेज़ार-ए-सबा

एक दिन उसका प्यार बरसा था
एक दिन उसका प्यार बरसा था
और मैं भीगता रहा बरसों
और मैं भीगता रहा बरसों
एक दरीचा खुला रहा बरसों
इंतेज़ार-ए-सबा

उनकी आँखों के जाम याद रहे
उनकी आँखों के जाम याद रहे
बिन पिए भी नशा रहा बरसों
बिन पिए भी नशा रहा बरसों
एक दरीचा खुला रहा बरसों
इंतेज़ार-ए-सबा

तब कहीं जा के एक ग़ज़ल लिखी
तब कहीं जा के एक ग़ज़ल लिखी
मैं तुझे सोचता रहा बरसों
मैं तुझे सोचता रहा बरसों
एक दरीचा खुला रहा बरसों
इंतेज़ार-ए-सबा

फ़ासले कम ना हो सके 'क़ैसर'
फ़ासले कम ना हो सके 'क़ैसर'
आमना सामना रहा बरसों
आमना सामना रहा बरसों
एक दरीचा खुला रहा बरसों
इंतेज़ार-ए-सबा



Credits
Writer(s): Qaiser Ul Jafri, Ali Tejrasar, Ghani Tejrasar
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