Aankhen Hai Sajjada

आ के सज्जादा-नशीं कैसे हुआ मेरे बाद
न रही दश्त में काली कोई जा मेरे बाद

चाक करना है इसी ग़म से गिरेबान-ए-क़फ़न
कौन खोलेगा तेरे बन्द-ए-कबा मेरे बाद

वो हवा-खाह-ए-चमन हूँ के चमन में हर सुबह
पहले मैं जाता था और बाद-ए-सबा मेरे बाद

तेज़ रखना सर-ए-हर ख़ार को ऐ दश्त-ए-जुनूँ
शायद आ जाये कोई आब्ला-पा मेरे बाद

मुँह पे रख दामन-ए-गुल रोयेंगे मुर्ग़ान-ए-चमन
हर रविश ख़ाक उड़ाएगी सबा मेरे बाद

बाद मरने के मेरी कब्र पे आया वो 'मीर'
याद आई मेरे ईसा को दवा मेरे बाद



Credits
Writer(s): Mehdi Hassan
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