Ya Ali

या आली, रहम आली
या आली, यार पे क़ुरबाँ है सभी
या आली, मद्द आली

या अली, ये मेरी जाँ
ये ज़िंदगी इश्क़ पे हाँ
लुटा दूँ, मिटा दूँ, मैं अपनी खुदी
यार पे हाँ, लुटा दूँ, मिटा दूँ, मैं ये हस्ती

या आली, रहम आली
या आली, यार पे क़ुरबाँ है सभी

मुझे कुछ पल दे कुर्बत के
फ़कीर हम तेरी चाहत के
रहे बेचैन दिल कब तक
मिले कुछ पल तो राहत के

चाहत पे, इश्क़ पे हाँ
लुटा दूँ, मिटा दूँ, मैं अपनी खुदी
यार पे हाँ, लुटा दूँ, मिटा दूँ, मैं ये हस्ती

बिना तेरे ना एक पल हो
ना बिन तेरे कभी कल हो
ये दिल बन जाए पत्थर का
इसमें ना कोई हलचल हो

सनम पे हाँ, इश्क़ पे हाँ
लुटा दूँ, मिटा दूँ, मैं अपनी खुदी
यार पे हाँ, लुटा दूँ, मिटा दूँ, मैं ये हस्ती
या आली...



Credits
Writer(s): Sayeed Quadri
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