Dil Aaj Shair Hai (From "Gambler")

दिल आज शायर है, ग़म आज नग़्मा है, शब ये ग़ज़ल है, सनम
दिल आज शायर है, ग़म आज नग़्मा है, शब ये ग़ज़ल है, सनम
ग़ैरों के शेरों को, ओ, सुनने वाले, हों इस तरफ़ भी करम

आ के ज़रा देख तो तेरी ख़ातिर हम किस तरह से जिए
आ के ज़रा देख तो तेरी ख़ातिर हम किस तरह से जिए
आँसू के धागे से सीते रहे हम, जो ज़ख़्म तूने दिए

चाहत की महफ़िल में ग़म तेरा लेकर क़िस्मत से खेला जुआ
दुनिया से जीते, पर तुझसे हारे, यूँ खेल अपना हुआ

है प्यार हमने किया जिस तरह से, उसका ना कोई जवाब
है प्यार हमने किया जिस तरह से, उसका ना कोई जवाब
ज़र्रा थे, लेकिन तेरी लौ में जलकर हम बन गए आफ़ताब

हमसे है ज़िंदा वफ़ा, और हमीं से है तेरी महफ़िल जवाँ
हम जब ना होंगे तो रो-रो के दुनिया ढूँढेगी मेरे निशाँ

ये प्यार कोई खिलौना नहीं है, हर कोई ले जो ख़रीद
ये प्यार कोई खिलौना नहीं है, हर कोई ले जो ख़रीद
मेरी तरह ज़िंदगी-भर तड़प लो, फिर आना उसके क़रीब

हम तो मुसाफ़िर हैं, कोई सफ़र हो, हम तो गुज़र जाएँगे ही
लेकिन लगाया है जो दाँव हमने वो जीतकर आएँगे ही
वो जीतकर आएँगे ही, वो जीतकर आएँगे ही



Credits
Writer(s): S. D. Burman, Neeraj
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