Sai Charno Mein

साईं चरणों में जब से है लागी लगन
साईं बाबा का मंदिर बने हैं नयन
साईं चरणों में जब से है लागी लगन
साईं बाबा का मंदिर बने हैं नयन

खुली पलकों में, चरणों में है शीश तो
बंद पलकों में होते हैं साईं दर्शन

(साईं चरणों में जब से है लागी लगन)
(साईं बाबा का मंदिर बने हैं नयन)
साईं बाबा का मंदिर बने हैं नयन

है मंदिर नयन में तो श्रद्धा है मन में
कानों में गूँजे शबद आरती के
करम मेरे बाबा का ऐसा हुआ है
के दिन-रात साईं की लगनी लगी

साईं आशीष से भीगा-भीगा है मन
भेंट करते हैं बाबा को श्रद्धा-सुमन
(साईं आशीष से भीगा-भीगा है मन)
(भेंट करते हैं बाबा को श्रद्धा-सुमन)

खुली पलकों में, चरणों में है शीश तो
बंद पलकों में होते हैं साईं दर्शन

साईं चरणों में जब से है लागी लगन
साईं बाबा का मंदिर बने हैं नयन
(साईं बाबा का मंदिर बने हैं नयन)

जो बाबा के चेहरे पे नज़रें पड़ी तो
चेहरे से नज़रें ये हटती नहीं
के दर्शन किए जाते हैं नैन लेकिन
ये प्यास दर्शन की घटती नहीं

ना झपकते पलक एक पल को नयन
ना ही खुलते जो हो ध्यान में मन मगन
(ना झपकते पलक एक पल को नयन)
(ना ही खुलते जो हो ध्यान में मन मगन)

खुली पलकों में, चरणों में है शीश तो
बंद पलकों में होते हैं साईं दर्शन

साईं चरणों में जब से है लागी लगन
साईं बाबा का मंदिर बने हैं नयन
(साईं बाबा का मंदिर बने हैं नयन)

भक्ति के द्वारे से, मन एक तारे से
साईं की धुन में रमा है समा
पल-पल, छिन-छिन कहती है धड़कन
रहना वहीं रहते बाबा जहाँ

मैं हूँ धनवान, है पास सच्चा ये धन
साईं आशीष और साईं जी की शरण
(मैं हूँ धनवान, है पास सच्चा ये धन)
(साईं आशीष और साईं जी की शरण)

खुली पलकों में, चरणों में है शीश तो
बंद पलकों में होते हैं साईं दर्शन

साईं चरणों में जब से है लागी लगन
साईं बाबा का मंदिर बने हैं नयन
(साईं बाबा का मंदिर बने हैं नयन)

साईं बाबा का मंदिर बने हैं नयन
(साईं बाबा का मंदिर बने हैं नयन)



Credits
Writer(s): Mohan Sharma, Dinesh Kumar Dube
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