Sulagati Hain Aankhen

सुलगती हैं आँखें, तरसती हैं बाँहें
सुलगती हैं आँखें, तरसती हैं बाँहें
गले से लगा लो कि जी चाहता है

मुझे ख़ाक कर दो, मुझे राख़ कर दो
मुझे फूँक डालो कि जी चाहता है
सुलगती हैं आँखें, तरसती हैं बाँहें
गले से लगा लो कि जी चाहता है

सुलगती हैं आँखें, तरसती हैं बाँहें
गले से लगा लो कि जी चाहता है

ज़माने से शायद ख़फ़ा हो गए हो
ज़माने से शायद ख़फ़ा हो गए हो
मेरी जान कह दो, कहाँ खो गए हो?
मेरी जान कह दो, कहाँ खो गए हो?
नज़र ना चुराओ, मेरे पास आओ
या मुझको बुला लो कि जी चाहता है

सुलगती हैं आँखें, तरसती हैं बाँहें
गले से लगा लो कि जी चाहता है

वो रिश्ते, वो नाते, वो बंधन पुराने
ज़रा याद कर लो वो गुज़रे ज़माने
वो रिश्ते, वो नाते, वो बंधन पुराने
ज़रा याद कर लो वो गुज़रे ज़माने
है सब कुछ तुम्हारा, ना सोचो दोबारा
अभी आज़मा लो कि जी चाहता है, hmm-umm

सुलगती हैं आँखें, तरसती हैं बाँहें
गले से लगा लो कि जी चाहता है



Credits
Writer(s): Farooq Qaiser, Pyarelal Ramprasad Sharma, Laxmikant Shantaram Kudalkar
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