Aacha Hai

बातें अधूरी जो हैं, अधूरी रहे
तो अच्छा है
दिल के करीब आ के भी, जो दूरी रहे
तो अच्छा है

कहने को कह भी दे हम
कहने को कह भी दे हम
पर क्या फ़ायदा!
जो मज़ा ख़ामोशी में है बातों में कहाँ!
हो दिल के जो हालात हैं आँखें करती बयां

तुम ना हो फिर भी जो लगे के तुम हो इधर
तो अच्छा है
अंजाने चेहरों में ढूंढे जो तुमको नज़र
तो अच्छा है

तमाम उम्र तेरा इंतज़ार करना है
फिर भी ना जाने क्यूं दिल में उम्मीद सी है
तू पास ना हो तो ये बेक़रार रहता है, ना जाने क्या पता!
कैसी दिल की लगी है!

सच में नहीं बस ख्यालों में तुम
संग में रहो मेरे बढ़ती हुई धड़कनों को जो थामे अगर
तो अच्छा है
उन कदमों को रोक जो जाये तेरी डगर
तो अच्छा है



Credits
Writer(s): Vasuda Sharma
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