Bhula Diya

कभी आयतों में पढ़ा तुझे
कभी हर्फ़-हर्फ़ लिखा तुझे
कभी आयतों में पढ़ा तुझे
कभी हर्फ़-हर्फ़ लिखा तुझे

कभी दिल से तुझको पुकार के
कोई शेर अपना सुना दिया

भुला दिया, भुला दिया
तेरे इश्क़ में ख़ुद को भुला दिया
भुला दिया, भुला दिया
तेरे इश्क़ में ख़ुद को भुला दिया

ये अजीब इश्क़ के खेल हैं
जहाँ लज़्ज़तों में कमी नहीं
ये अजीब इश्क़ के खेल हैं
जहाँ लज़्ज़तों में कमी नहीं

कभी मैंने तुझको हँसा दिया
कभी मैंने तुझको हँसा दिया
कभी तूने मुझको रुला दिया

भुला दिया, भुला दिया
तेरे इश्क़ में ख़ुद को भुला दिया
भुला दिया, भुला दिया
तेरे इश्क़ में ख़ुद को भुला दिया

(भुला दिया, भुला दिया)
(इश्क़ में ख़ुद को भुला दिया)

बेख़ुदी में मज़ा आ रहा है बड़ा
दिल तबाह है तो क्या?
दिल तबाह है तो क्या?

तेरी राह से जो निकल गए
वो दीवाने बनके मचल गए
तेरी राह से जो निकल गए
वो दीवाने बनके मचल गए

कभी हमने की तेरी आरज़ू
कभी हमने की तेरी आरज़ू
तो बता दे ये क्या गुनाह किया?

भुला दिया, भुला दिया
तेरे इश्क़ में ख़ुद को भुला दिया
भुला दिया, भुला दिया
तेरे इश्क़ में ख़ुद को भुला दिया

कभी आयतों में पढ़ा तुझे
कभी हर्फ़-हर्फ़ लिखा तुझे

कभी दिल से तुझको पुकार के
कोई शेर अपना सुना दिया

भुला दिया, भुला दिया
तेरे इश्क़ में ख़ुद को भुला दिया
भुला दिया, भुला दिया
तेरे इश्क़ में ख़ुद को...

(भुला दिया, भुला दिया)
(इश्क़ में ख़ुद को भुला दिया)



Credits
Writer(s): Anand Raj Anand, Ibrahim Ashk
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