Dil Ne Phir Yaad Kiya

दिल ने फिर याद किया बर्क़ सी लहराई है
दिल ने फिर याद किया बर्क़ सी लहराई है
फिर कोई चोट मोहब्बत की उभर आई है
दिल ने फिर याद किया

वो भी क्या दिन थे हमें दिल में बिठाया था कभी
और हँस हँस के गले तुमने लगाया था कभी
खेल ही खेल में क्यों जान पे बन आयी है
फिर कोई चोट मोहब्बत की उभर आई है
दिल ने फिर याद किया

क्या बताये तुम्हें हम शम्म़ा की किस्मत क्या है
ग़म में जलने के सिवा और मोहोब्बत क्या है
ये वो गुलशन है के जिसमें ना बहार आनी है
फिर कोई चोट मोहब्बत की उभर आई है
दिल ने फिर याद किया

हम वो परवाने है जो शम्म़ा का दम भरते है
हुस्न की आग में खामोश जला करते है
आह भी निकले तो ये प्यार की रुसवाई है
फिर कोई चोट मोहब्बत की उभर आई है
दिल ने फिर याद किया



Credits
Writer(s): Anjan Biswas
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