Kaun Aaya Ki Nigahon
कौन आया के निगाहों में चमक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया के निगाहों में चमक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया...
किस के आने की ख़बर ले के हवाएँ आईं
किस के आने की ख़बर ले के हवाएँ आईं
जिस्म से फूल चटकने की सदाएँ आईं
जिस्म से फूल चटकने की सदाएँ आईं
रूह खिलने लगी...
रूह खिलने लगी, साँसों में महक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया के निगाहों में चमक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया...
किस ने ये मेरी तरफ़ देख के बाँहें खोली
किस ने ये मेरी तरफ़ देख के बाँहें खोली
शौख़ जज़बात ने सीने में निगाहें खोलीं
शौख़ जज़बात ने सीने में निगाहें खोलीं
होंट तपने लगे...
होंट तपने लगे, ज़ुल्फों में लचक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया के निगाहों में चमक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया...
किस के हाथों ने मेरे हाथों से कुछ माँगा है
किस के हाथों ने मेरे हाथों से कुछ माँगा है
किस के ख़ाबों ने मेरी रातों से कुछ माँगा है
किस के ख़ाबों ने मेरी रातों से कुछ माँगा है
साज़ बजने लगे...
साज़ बजने लगे, आँचल में धनक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया के निगाहों में चमक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया...
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया के निगाहों में चमक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया...
किस के आने की ख़बर ले के हवाएँ आईं
किस के आने की ख़बर ले के हवाएँ आईं
जिस्म से फूल चटकने की सदाएँ आईं
जिस्म से फूल चटकने की सदाएँ आईं
रूह खिलने लगी...
रूह खिलने लगी, साँसों में महक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया के निगाहों में चमक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया...
किस ने ये मेरी तरफ़ देख के बाँहें खोली
किस ने ये मेरी तरफ़ देख के बाँहें खोली
शौख़ जज़बात ने सीने में निगाहें खोलीं
शौख़ जज़बात ने सीने में निगाहें खोलीं
होंट तपने लगे...
होंट तपने लगे, ज़ुल्फों में लचक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया के निगाहों में चमक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया...
किस के हाथों ने मेरे हाथों से कुछ माँगा है
किस के हाथों ने मेरे हाथों से कुछ माँगा है
किस के ख़ाबों ने मेरी रातों से कुछ माँगा है
किस के ख़ाबों ने मेरी रातों से कुछ माँगा है
साज़ बजने लगे...
साज़ बजने लगे, आँचल में धनक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया के निगाहों में चमक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
कौन आया...
Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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