Boojh Mera Kya Naam Re

बूझ मेरा क्या नाव रे
नदी किनारे गांव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना ठंडी-ठंडी छाँव रे

लोग कहें में बावरी, मेरे उलझे-उलझे बाल
लोग कहें में बावरी, मेरे उलझे-उलझे बाल
मेरा काला-काला तिल है, मेरे गोरे-गोरे गाल
मेरा काला-काला तिल है, मेरे गोरे-गोरे गाल
मैं चली जिस गली झूमे सारा गांव रे

बूझ मेरा क्या नाव रे
नदी किनारे गांव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना ठंडी-ठंडी छाँव रे

आज संभल के देखना, बाबूजी हमरी ओर
आज संभल के देखना, बाबूजी हमरी ओर
कहीं दिल से लिपट ना जाए लम्बी जुल्फों की डोर
कहीं दिल से लिपट ना जाए लम्बी जुल्फों की डोर
में चली, मनचली सब का मन ललचाऊँ रे

बूझ मेरा क्या नाव रे
नदी किनारे गांव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना ठंडी-ठंडी छाँव रे

दिलवालों के बिच में, मेरी अँखियाँ है बदनाम
दिलवालों के बिच में, मेरी अँखियाँ है बदनाम
हूँ एक पहेली फिर भी कोई बूझे मेरा नाम
हूँ एक पहेली फिर भी कोई बूझे मेरा नाम
ये चली, ये चली बूझो तो कित जाऊँ रे

बूझ मेरा क्या नाव रे
नदी किनारे गांव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना ठंडी-ठंडी छाँव रे

बूझ मेरा क्या नाव रे
नदी किनारे गांव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना ठंडी-ठंडी छाँव रे



Credits
Writer(s): Onkar Prasad Nayyar, Majrooh Sultanpuri
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