Dil Kehta Hai

दिल कहता है, "चल, उनसे मिल"
उठते हैं क़दम, रुक जाते हैं
दिल हम को कभी समझाता है
हम दिल को कभी समझाते हैं

दिल कहता है, "चल, उनसे मिल"
उठते हैं क़दम, रुक जाते हैं
दिल हम को कभी समझाता है
हम दिल को कभी समझाते हैं

हम जब से हैं जुदा, ऐ मेरे हमनशीं
यूँ देखो तो मेरे दामन में क्या नहीं
दौलत का चाँद है, शोहरत की चाँदनी
मगर तुम्हें खो के लगे है मुझे ऐसा
कि तुम नहीं तो कुछ भी नहीं

तुम क्या जानो, अब हम कितना
दिल ही दिल में पछताते हैं
दिल हम को कभी समझाता है
हम दिल को कभी समझाते हैं

वो दिन थे क्या हसीं, दोनों थे साथ में
और बाँहें आप की थीं मेरे हाथ में
तुम ही तुम थे, सनम, मेरे दिन-रात में
पर इतनी बुलंदी पे तुम हो, मेरी जाँ
आए ना दामन अब हाथ में

पाना तुम को मुमकिन ही नहीं
सोचें भी तो हम घबराते हैं
दिल हम को कभी समझाता है
हम दिल को कभी समझाते हैं

दिल कहता है, "चल, उनसे मिल"
उठते हैं क़दम, रुक जाते हैं
उठते हैं क़दम, रुक जाते हैं
उठते हैं क़दम, रुक जाते हैं



Credits
Writer(s): Daboo Krish Malik, Salim Bijnori
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