Le Ja Zakhm Tere

ले जा ज़ख्म तेरे
जो तूने दिए
अब इनकी जरूरत नहीं
झूठे वादे किए
झठे सपने दिए
तेरे बिन भी जी लूंगा मैं

ओ हो अब चाहे रूठे दिल, अब चाहे टूटे दिल
अब कभी न लौटूंगा मैं

ले जा ज़ख्म तेरे
जो तूने दिए
अब इनकी जरूरत नहीं
झूठे वादे किए
झठे सपने दिए
तेरे बिन भी जी लूंगा मैं

मुझमे तू रहता है, यादों में मेरी
क्यूं फिर नहीं मैं, निगाहों में तेरी
अभी तो यहीं थी, तू बाहों में मेरी
आँखें जो खोली खड़े थे

बिन तेरे अब मुझको पहचानो, क्या खोया है जानो
अब कभी न लौटूंगा मैं

ले जा ज़ख्म तेरे
जो तूने दिए
अब इनकी जरूरत नहीं
झूठे वादे किए
झठे सपने दिए
तेरे बिन भी जी लूंगा मैं

ओ हो अब चाहे रूठे दिल, अब चाहे टूटे दिल
अब कभी न लौटूंगा मैं

ले जा ज़ख्म तेरे
जो तूने दिए
अब इनकी जरूरत नहीं

झूठे वादे किए
झठे सपने दिए
तेरे बिन भी जी लूंगा मैं

मिलके हम न मिले
न रहें सिलसिले
जा ले जा तू ज़ख्म तेरे



Credits
Writer(s): Amal Mallik
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